Sunday, September 8, 2024
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उत्तराखंड मे बीएड की बाध्यता खत्म 3600 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ, 

बीएड की बाध्यता समाप्त करके दो वर्षीय डीएलएड को मंजूरी प्रदान कर दी है।

देहरादून:उत्तराखंड में बेसिक शिक्षक भर्ती के लिए बी.एड की अनिवार्यता हटाई गई

बड़े लम्बे समय के बाद डीएलएड धारकों को सरकार ने ख़ुशख़बरी दे दी है। अब राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। क्यूंकि राज्य सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की सेवा नियमावली में संशोधन किया है जिसमें शिक्षकों की भर्ती के लिए बीएड की बाध्यता समाप्त कर दी है और दो वर्षीय डीएलएड को मंजूरी प्रदान की गई है। राज्य सरकार के इस फैसले से लगभग 3600 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

बीएड डिग्री की अनिवार्यता खत्म

शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के वर्ष 2018 में जारी उस अधिसूचना को निरस्त कर दिया था जिसमें प्राथमिक शिक्षकों के लिये बीएड डिग्री की अनिवार्यता लागू की गई थी।

उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय के अनुपालन में राज्य कैबिनेट ने हाल ही में राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी स्वीकृति प्रदान की। जिसके बाद शासन ने उत्तराखंड राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) (संशोधन) सेवा नियमावली, 2024 को जारी कर दी है। सरकार ने इस संशोधन के जरिए बेसिक शिक्षकों के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता बीएड डिग्री को अमान्य कर दिया है।

नियमावली के संशोधन के बाद अब राज्य में केवल डीएलएड डिग्री धारक ही पहली से पांचवीं कक्षा तक के बेसिक शिक्षक के पद के लिए पात्र होंगे। इसके लिए निर्वाचन आयोग से भर्ती की अनुमति प्राप्त करने के बाद शीघ्र ही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को रिक्त पदों के अनुसार अधियाचन भेजा जाएगा।

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